घूमने के लिहाज से भारत का पड़ोसी देश भूटान बहुत अच्छा है. भारत से इस शहर में एंट्री करने के लिए पर्यटकों को 'दोआर' नाम के गांव से गुजरना पड़ता है. आज हम आपको वेस्ट बंगाल में मौजूद यह जगह भूटान की सीमा के लिए तो फेमस है ही साथ ही यहां की प्राकृतिक खूबसूरती भी देखने लायक है.
इसे भारत का आखरी गांव भी कहा जाता है क्योंकि यहां से कुछ ही दूरी पर भूटान की सीमा लगती है. यहां पर भूटान में प्रवेश करने का द्वार बना है इसलिए इसका नाम दोआर रखा गया है. सड़क के रास्ते भूटान जाने वाले लोगों के लिए दोआर एंट्री गेट की तरह है.
दोआर (Dooars) हिमालय की तलहटी में बसा पहाड़ी इलाका है. हरियाली ज्यादा होने के कारण इस गांव में हमेशा भीनी-भीनी बारिश होती ही रहती है. अगर आप भी हरियाली, एडवेंचर और जंगल देखने का शौक रखते हैं तो आपको जरूर जाना चाहिए.
यहां पर 8800 वर्ग कि. मी. यहां पर संकोस नदी बहती हैजो दोआर को दो भागों में बांटती है. आप इसमें राफ्टिंग का मजा ले सकते हैं. आप यहां के चाय बागान में जाकर न केवल आप घूम सकते हैं बल्कि आप जंगल में ट्रैकिंग का मजा भी ले सकते हैं. इसके अलावा मानस नेशनल पार्क, महानंदा वाइल्डलाइफ सेंचुरी और चपरामारी वाइल्डलाइफ रिजर्व भी यहां घूमने के लिए बेस्ट ऑप्शन में से एक है.
पर्यटकों को वाइल्ड लाइफ का मजा दिलाने के लिए यहां दोआर नेशनल पार्क भी बनाया गया है. इस पार्क को यूनेस्को की विश्व धरोहर लिस्ट में शामिल है. यहां आप कछुए, वाइल्ड वाटर बफेलो और गोल्डन लंगूर जैसे कई अनोखे जानवर हैं देख सकते हैं. यहां पर चपरामारी वाइल्ड लाइफ रिजर्व में बड़ी संख्या में हाथी भी रहते हैं. इसके अलावा बंगाल टाइगर देखने के लिए आप महानंदा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी भी जा सकते हैं.
यहां तक पहुंचने के लिए सबसे नजदीकी एयरपोर्ट बागडोगरा और गुवाहाटी है. आप नई जलपाइगुड़ी और कुचबहार नजदीकी रेलवे स्टेशन्स से दोआर के लिए ट्रेन भी ले सकते हैं. इसके अलावा आप रोड़ ट्रिप से भी इस गांव में एंट्री कर सकते हैं.


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